Betul News: शासकीय महाविद्यालय की पहचान रामजी भाऊ कोरकु के नाम से नहीं होना आदिवासी समाज की पहचान को दबाने जैसा, चांदु, रंम्भा, बेलठाना पहुंचा हस्ताक्षर अभियान
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Betul News: (भैंसदेही)। नगर के शासकीय महाविद्यालय का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम जी भाऊ कोरकु के नाम से किए जाने की मुहिम जयस और आदिवासी कोरकु समाज संगठन तेज कर दी है। लगभग एक सप्ताह से चल रहा हस्ताक्षर अभियान ग्राम पंचायत चांदु, रंम्भा, बेलठाना में पहुंचा। मुहिम में सरपंच एवं ग्रामीणजनों ने अपनी बात रखते हुये कहा कि सरकारी आदेश के बावजूद वीर स्वतंत्रता रामजी भाऊ कोरकु का नाम नहीं किया जाना आदिवासी समाज की पहचान को दबाने जैसा है।
मध्यप्रदेश के पटल पर आदिवासियों को प्राथमिकता में नही रखना चाहते है। आदिवासियों की अनुसूचित क्षेत्र में संख्या अधिक होने पर हमारे जनप्रतिनिधि भी अधिक संख्या में चुने जाते है। आज बैतूल में विधायक, सांसद आदिवासी है तो यह संवैधानिक अधिकार के तहत जायज मांग है की शासकीय महाविद्यालय का नाम रामजी भाऊ कोरकु होना चाहिये और हम सभी इस अभियान का पूरा समर्थन करते है।
जनपद सदस्य कायटा जावरकर ने बताया कि सांसद महोदय की प्रतिक्रिया अब तक ना आना निराशाजनक है, नामकरण ना होना यह आदिवासियों के साथ धोखा है, जबकि 1930 में जब जमीदार जमीनों पर कब्जा कर रहे थे, तब अपनी जमीन से बेदखल किये जाने को लेकर आदिवासियों व मालिकों के द्वारा इसका विरोध किया और जंगल सत्याग्रह का आंदोलन छेड़ा गया, जिसमें हमारे वीर शहीदों ने आंदोलन को तीव्र किया, ताकि उनके जमीनो की रक्षा हो सकें, वही क्रांतिकारी रामजी भाऊ कोरकू(बेठे) हमारे जननायक है।
महादेव बेठे ने आदिवासी जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि हमारे इस मुहिम का हिस्सा बने, क्योंकि आपको प्रतिनिधि चुनकर इसलिये भेजा है, ताकि समाज के अधिकारों के लिये आप आवाज बने।
जनप्रतिनिधि देंगे अपना समर्थन
जामवन्त कुमरे जयस प्रदेश संयोजक ने कहा हम स्वंतन्त्रता सेनानियों को पहचान दिलाना चाहते, ताकि उनकी प्रेरणा आजके युवाओं को मिल सकें और देश की सेवा में अग्रणी हो सके। जनप्रतिनिधियों ने भी अपने लेटर हेड से उपरोक्त मांग करने हेतु अपना समर्थन पत्र देने कहा है। जल्द से जल्द यह नहीं होता है तो इसके लिये जो भी जिम्मेदार होंगे उन पर कार्यवाही करने जनांदोलन किया जायेगा। हस्ताक्षर अभियान के दौरान ग्रामीणों गुनु बारस्कर(सरपंच), शांतिलाल ढीकारे(उपसरपंच), अलकेश धुर्वे, अजय धुर्वे, धर्मेंद्र धुर्वे, राजेश टेकाम, सीमा राजनेगी, लक्षमण चौहान, मंगू इवने, मोहन कुमरे, भैयालाल भलावी, मूंगा कासदे, गज्जू कासदेकर, शंकर जामुंकर ,फत्तू बारस्कर आदि मौजूद रहे।