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जयस के अनुसार 50 हजार की तादाद में जिला मुख्यालय में जुटे आदिवासी, अपने हक अधिकार के लिए जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
Aadivasi Divas : (बैतूल)। जिले के निवासरत अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) वर्ग की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन ने शुक्रवार को हजारों की तादाद में जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर शक्ति प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कोठी बाजार बस स्टैंड पर सरदार विष्णु सिंह गोंड की प्रतिमा स्थापना दिवस के अवसर पर जयस द्वारा शहर में विशाल महारैली निकाली गई थी। जयस के अनुसार रैली में पूरे जिले के लगभग 50 हजार आदिवासी शामिल हुए थे।
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जयस जिला अध्यक्ष संदीप धुर्वे के नेतृत्व में निकाली गई इस महारैली में जयस के कार्यकर्ता, आदिवासी समुदाय की महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, जवान हर वर्ग शामिल हुआ। जनसमुदाय बाजे गाजे के साथ साथ डीजे में लोकगीतों पर थिरकते नजर आया। यह रैली रैनबसेरा स्थित पड़ापेन देव की आरती आराधना के बाद आकर्षक रूप से निकली। रैली कांतिशिवा चौक, गंज मस्जिद चौक से कॉलेज चौक होते हुए निकल गई। रैली में आदिवासी समुदाय पारंपरिक वेशभूषा के साथ शामिल हुआ।
समस्याओं का निराकरण नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावन (Aadivasi Divas)
जयस संगठन ने इस अवसर पर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आदिवासियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करने का आग्रह किया, समस्या का निराकरण नहीं होने की दशा में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि जिले के आदिवासियों की समस्याओं को स्वयं संज्ञान में लेते हुये त्वरित निराकरण करने का कष्ट करे, ताकि आदिवासियों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास हो सके अन्यथा भविष्य में जयस संगठन, जिला बैतूल अपनी मांगों के निराकरण कराने के लिए बड़े स्तर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। जिसकी जिम्मेदारी स्वयं शासन एवं प्रशासन की होगी।
यह है प्रमुख मांग
शहर से निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग कं. 47 (नागपुर-औबेदुल्लागंज मार्ग) एवं राजमार्ग कं. – 59-ए ( नागपुर – इंदौर मार्ग ) के प्रवेश द्वारों पर “गोंड राजा ईल की नगरी में आपका हार्दिक स्वागत है” अंकित कराया जाए, जिला चिकित्सालय बैतूल के नवनिर्मित भवन ट्राईबल फण्ड से निर्मित कराया गया है, इसलिए शासकीय जिला चिकित्सालय बैतूल का नाम आदिवासी जननायक गंजन सिंह कोरकू से अंकित कराया जाए। वर्तमान में के मुख्यालय मध्य स्थित नवनिर्मित ऑडिटोरियम का निर्माण रानी दुर्गावती के नाम से आवंटित भूमि पर कराया गया है, जहाँ पर पूर्व में रानी दुर्गावती भवन का निर्माण किया गया था जिनके स्थान पर नवनिर्मित ऑडीटोरियम का निर्माण कराया गया है, इसलिए नवनिर्मित ऑडिटोरियम का नाम “रानी दुर्गावती ऑडिटोरियम बैतूल” अंकित कराया जाए।
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तहसील मुख्यालय में स्थित शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही का नाम रामजीभाऊ कोरकू” अंकित किया जाए। जिले में घोड़ाडोगरी, शाहपुर, चिचोली, भीमपुर, भैंसदेही, आठनेर में पेशा एक्ट का क्रियान्वयन किया गया है, किंतु पेशा एक्ट को जमीनी स्तर पर संचालित नही किया जा रहा है, केवल कागजी कार्यवाही तक सीमित है, जिसके कारण राजस्व विभाग, खनिज विभाग, वन विभाग, आबकारी विभाग, पुलिस विभाग द्वारा पेशा एक्ट के नियमों का पालन न करते हुये आदिवासियों पर सामान्य क्षेत्रों जैसे नियमों को लागू किया जा रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि पेशा एक्ट को जमीनी स्तर पर शासन द्वारा केवल नाममात्र के लिए दे दिया गया है।
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जबकि पेशा नियमों का पालन किये जाने के संबंध में उन क्षेत्रों में पदस्थ खनिज विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग, आबकारी विभाग के अधिकारी / कर्मचारियों को पेशा एक्ट का ज्ञान होना अति आवश्यक है, ताकि विभागीय कार्यवाही के दौरान उन नियमों का पालन किया जा सके और उन क्षेत्रो में निवासरत आदिवासी समुदाय को उसका लाभ मिल सके। अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ विभागीय अधिकारी / कर्मचारियों को पेसा एक्ट के प्रावधानों का पालन करने हेतु आदेशित करने का कष्ट करे, ताकि पेशा एक्ट का जमीनी स्तर पर पूर्ण रूप से क्रियान्वयन हो सके आदि मांगे शामिल है।