Betul News: संविधान पर परिचर्चा संपन्न, विश्व का सबसे बड़ा लिखित भारतीय संविधान है: डॉ. सुखदेव डोंगरे

संविधान पर परिचर्चा संपन्न,
विश्व का सबसे बड़ा लिखित भारतीय संविधान है: डॉ. सुखदेव डोंगरेबैतूल। जेएच कॉलेज बैतूल में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के रासेयो कार्यक्रम समन्वयक के आदेश के परिपालन में प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार तिवारी के संरक्षण में एनएसएस के जिला संगठक डॉ. सुखदेव डोंगरे ने संविधान की शपथ दिलाकर कहा भारत का संविधान दुनिया का श्रेष्ठ एवं बड़ा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान 24 नंवबर 1949 को बनकर पूर्ण हुआ। 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया एवं 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया।

संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रमुख सलाहकार डॉ. बीएन राव एवं प्रारूप समिति के   अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर और कुल 298 संविधान सभा के सदस्यों ने मिलकर विश्व का सबसे विकासशील लिखित संविधान बनाया। डॉ. अंबेडकर ने वंचित, शोषित एवं महिलाओं को शिक्षा, समानता, स्वतंत्रता के मूल अधिकार देकर उनके विकास का रास्ता खोलकर भारत में विकास की गंगा बहा दी।

संविधान पर परिचर्चा संपन्न,
विश्व का सबसे बड़ा लिखित भारतीय संविधान है: डॉ. सुखदेव डोंगरे

संविधान परिचर्चा का संचालन दलनायक कोमल देशमुख ने करते हुए कहा विभिन्न धर्मों, वर्गों, जाति, भाषा, क्षेत्रीयता में बंटे पूरे भारतीय समाज को डॉ. अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से एक सूत्र में पिरोया है। तनु महोबे ने कहा हर घर में संविधान की पुस्तक होना चाहिए, जिससे हक, अधिकार एवं कर्तव्यों का ज्ञान होता है। परिचर्चा में रिया खातरकर, आंचल मोहबे, मनीषा बावने, हर्षा राजेश, अंजली नागोरे और रंजीत कासदे ने संविधान पर अपने विचार प्रकट किए।

परिचर्चा को सफल बनाने में कुणाल केतपुरे, कविता, शिवानी मोहबे, नीति, अंजली मालवी, प्रज्ञा, प्रणिता, पुष्पांजलि, ललिता, निकिता सरियाम का सक्रिय योगदान रहा।