Betul Samachar: ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नही, विवेकानंद विज्ञान महाविद्यालय में गूंजे मोहम्मद रफी के तराने

Betul Samachar:(बैतूल)। विवेकानंद विज्ञान महाविद्यालय में सोमवार 31 जुलाई को मोहम्मद रफी साहब की पुण्यतिथि के अवसर पर संगीत संध्या का आयोजन किया गया इस अवसर पर कलाकारों ने अपने-अपने अंदाज में गीतों के माध्यम से रफी साहब को श्रद्धांजलि दी। उल्लेखनीय है कि विवेकानंद विज्ञान महाविद्यालय बैतूल में रियाज़ ग्रुप बैतूल द्वारा मो रफ़ी साहब की पुण्यतिथि के अवसर पर संगीत के तरानों का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम के संयोजक विवेकानंद विज्ञान महाविद्यालय के सचिव एनडी देशमुख व भीम धोटे ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रफ़ी साहब की 43 वी पुण्यतिथि के अवसर पर शहर के संगीत रसिकों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर रफी साहब को संगीतमय श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि रमेश पवार, एके कुजूर, धम्मदीप भगत, निशांत तिवारी, एनडी देशमुख, कमलेश गढेकर द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर रफी साहब के छाया चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया।

उसके बाद उपस्थित सभी संगीत रसिकों ने अपने-अपने अंदाज में रफी साहब के पुराने गीतों के माध्यम से उन्हें संगीतमय श्रद्धांजलि दी।

संगीत कलाकार मनीष डेहरिया ने आज मौसम बड़ा बेईमानी हैं, नित्यानंद विश्वास ने अपनी आँखों में बसाकर, हर्ष ठाकुर ने दूर रहकर न करो बात, करीब आ जाओ….,डॉ विनय सिंह चौहान ने मैने पूछा चांद से…, बीसी पांडे व डॉ अलका पांडे ने दिल तोडने वाले तुझे दिल ढूंढ रहा है…, मुकेश झारे ने हाय तबस्सुम तेरा…, भीम धोटे ने ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नही ….. सुनाकर समा बाँधा तो धीरज बोथरा ने कौन हैं जो सपनो में आया सुनाकर खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम रात्रि 11 बजे तक चला। एनडी देशमुख ने आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर काफी संख्या में संगीत श्रोता उपस्थित रहे।