Betul Samachar : वैज्ञानिक मॉडल्स में दिखी 21वीं सदी के भारत की तस्वीर

Betul Samachar : वैज्ञानिक मॉडल्स में दिखी 21वीं सदी के भारत की तस्वीर

बैतूल। उत्कृष्ट विद्यालय कोठी बाजार में आयोजित दो दिवसीय विज्ञान मेले में शहर के बच्चों ने अपने वैज्ञानिक मॉडल्स में 21वीं सदी के भारत की तस्वीर खींची। साइंस और टेक्नोलॉजी की अपनी समझ से छात्र-छात्राओं ने मॉडल बनाए और इन्हें समझाया। रेलवे प्लेटफॉर्म पर रेल के गुजरने से पैदा होने वाली हवा से बिजली बनाने के मॉडल को प्रथम पुरस्कार मिला।

यह मॉडल अग्रसेन स्कूल के कक्षा 12वीं के छात्र अभय धोटे, आदर्श धोटे, काजल चौहान, श्रीकांत यादव और आकांक्षा पवार ने यह मॉडल बनाया। मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी केएस मेढ़ा, विजय चौहान, जिला विधि सेवा प्राधिकरण की सचिव दीपिका मालवीय, प्राचार्य श्रीमती आई लिल्होरे, सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मोनिका जैन और डॉ. अनिल सिरवैयां ने पुरस्कृत मॉडल तथा संविधान दिवस पर आयोजित निबंध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।

Also Read : Betul News : सरपंच पुत्री ने लगाया झूठी शिकायत करने का आरोप

Betul Samachar : वैज्ञानिक मॉडल्स में दिखी 21वीं सदी के भारत की तस्वीर

यह मेला सर्च एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसायटी के सहयोग से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद द्वारा आयोजित किया गया। मेले में 6 स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। मेले के दूसरे दिन बच्चों को साइंस गेम्स खिलाए तथा साइंस फिल्में दिखाई गईं। क्विज कॉम्पीटन के लिए बच्चों की टीमें बनाईं गईं हैं और वैज्ञानिक व्यवहार और ज्ञान पर आधारित रोचक प्रश्नोत्तर हुए। इनमें विजेता टीमों को पुरस्कार दिए गए।

 साइंस कम्युनिकेटर बने बच्चे, कई प्रयोग किए

पहले दिन बच्चों को विज्ञान पर आधारित जो प्रयोग सिखाए गए थे, आज वही प्रयोग बच्चों ने दूसरे बच्चों करके दिखाए और उनके पीछे का विज्ञान समझाया।इन बच्चों को साइंस कम्युनिकेटर के तौर पर तैयार किया जा रहा है। एक्सीलेंस स्कूल के छात्र हिमांशु साहू ने चुंबक और उसकी गति के प्रयोग दिखाए जबकि इसी स्कूल के हर्ष अतुलकर ने पृष्ठ तनाव तथा अथर्व राठौर ने ध्वनि की यात्रा समझाई। ओम थाड़े ने एक ही आईने में अलग-अलग प्रतिबिंब बनाकर दिखाए।

Betul Samachar : वैज्ञानिक मॉडल्स में दिखी 21वीं सदी के भारत की तस्वीर

 आकर्षण का केन्द्र रहे ये मॉडल

  • सेटेलाइट कम्युनिकेशन मॉडल – कक्षा 11वीं की छात्रा आंचल, कुमकुम, गुनगुन विमला, एक्सीलेंस स्कूल
  • मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलना – कक्षा 11वीं के अभिषेक पटेन, उदित पांसे और चि़त्रांश टिकने, एक्सीलेंस स्कूल
  • टेक्नोलॉजी पर आधारित फ्यूचर ड्रीम सिटी मॉडल- दीक्षा विश्वकर्मा, नेहा उईके, माइंसआई स्कूल
  • शहरी और ग्रामीण जीवन में संतुलन बनाना – कक्षा 8वीं चारू यादव, तमन्ना, जया, निधि और निष्ठा, अग्रसेन स्कूलकिसने क्या कहा

जिला विधिक अधिकारी मिथलेश डेहरिया ने मेले में आए बच्चों को संबोधित करते हुए कहा विज्ञान की बातों को जब प्रेक्टिकल के द्वारा समझते हैं, तब वे हमें आसानी से समझ में आती हैं। उन्होंने कहा कि विधिक और वैज्ञानिकजागरूकता तथा दृष्टिकोण अपनाने से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।

सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी के सचिव डॉ. अनिल सिरवैयां ने कहा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 45 ए (एच) नागरिकों से वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपेक्षा करता है। विज्ञान मेले जैसे आयोजन संविधान की इस मूल भावना को साकार करने का प्रयास हैं।