Betul News : बैतूल का यह परिवार बगैर रामायण पाठ किए नही करता भोजन, 75 वर्ष से चली आ रही परंंपरा 

Betul News : बैतूल का यह परिवार बगैर रामायण पाठ किए नही करता भोजन, 75 वर्ष से चली आ रही परंंपरा 

बैतूल। राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट अंत समय पछतायेगा जब प्राण जाएंगे छूट। संत कबीर का यह दोहा आज भी चरितार्थ होता नजर आ रहा है। जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर छोटे से कस्बे में बसा ग्राम पुसली का एक परिवार ऐसा है जहां पर लगभग 75 वर्षो से राम नाम की लूट हो रही है। कहने का तात्पर्य यह है कि पिछले 75 वर्षों से निरंतर यहां राम के नाम का रामायण ग्रंथ के माध्यम से जाप हो रहा है। सुबह-शाम परिवार का कोई भी सदस्य बगैर रामायण पाठ किए भोजन नहीं करता है। इस परिवार के संस्कार ही है जो 7 दशकों से इस परंपरा को बखूबी निभा रहा है।

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कलयुग में राम नाम बहुत लाभकारी

परिवार के मुखिया पेशे से किसान लाखन डढोरे सर्दी हो या गर्मी सुबह शाम रामायण पाठ करना नहीं भूलते।बताते हैं कि रामायण में भगवान श्री राम का गुणगान और वृतांत कहा गया है। जिस घर में रामायण को सम्मान के साथ रखा और पूजा जाता है वहां पर किसी प्रकार का कोई अभाव नहीं रहता है। इस कलयुग के समय में राम नाम का जाप बहुत लाभकारी और चमत्कारिक माना जाता है। रामायण का नित्य पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। जहां पर रामायण रखी होती है वहां प्रभु श्री राम की कृपा सदैव बनी रहती है।

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बच्चे भी आगे बढ़ा रहे परंपरा

पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा को लाखन डढोरे ने कायम करते हुए परिवार को ऐसे संस्कार दिए कि घर के छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कितनी भी विषम परिस्थिति में भी रामायण का पाठ करना नहीं भूलते। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे जब छोटे थे और परिवार के मुखिया घर में अनुपस्थित नही रहते थे तो उनकी पत्नी श्रीमती रामप्यारी बाई डढोरे मोहल्ले पड़ोस से किसी शिक्षित व्यक्ति को बुलाकर रामायण पाठ करवाती थी।

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अब बच्चे व नातियों ने इस परंपरा को आगे बढ़ाकर संस्कारवान परिवार की मिसाल कायम की है। इनके बेटे झब्बू व्यवसायी, ऋषि कुमार भाजपा नेता, शिक्षक मदनलाल व चिकित्सक डॉ. धनराज डढोरे व इनकी एक बेटी कौशल्या देवी भी अपने पिता के आदर्शों को आगे बढ़ाकर आने वाली पीढ़ी को रामायण पाठ करने के लिए लगातार प्रेरित कर रहे है। इस परिवार की इस परंपरा को देखकर ग्रामवासी व रिश्तेदारों ने भी रामायण पाठ प्रारंभ कर इस परंपरा को आगे बढ़ाया ही नहीं, बल्कि अपने परिचितों को भी परिवार की सुख समृद्धि व शांति के लिए रामायण पाठ करने प्रेरित किया।

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समाज को दी बेहतरीन प्रेरणा

बुजुर्ग लाखन डढोरे ने समाज को प्रेरित करते हुए कहा कि सुबह आंखें खोलने से लेकर रात को सोने तक इंसान हर वक्त कुछ न कुछ करने या कुछ पाने की कोशिश में ही लगा रहता है। दिमाग में भी हर समय कुछ न कुछ चलता ही रहता है।  अपने असली स्वरूप के ज्ञान और मन में प्रभु के ध्यान के लिए चौबीस घंटों में कम से कम पांच-सात मिनट तो हर किसी को निकालना ही चाहिए।

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