Betul News : गांव में नहीं मिल रहा रोजगार, पलायन करने को विवश मजदूर

Betul News : गांव में नहीं मिल रहा रोजगार, पलायन करने को विवश मजदूर

बैतूल। सरकार भले ही ग्रामीणों को उनके ही गांव में रोजगार दिलाने के नाम पर कई योजनाएं संचालित कर रही है, लेकिन यह योजनाएं जमीनी स्तर पर कारगर सिद्ध होती नहीं दिखाई दे रही है। हालात इतने खराब है कि एक तो ग्राम पंचायतों में मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है, निर्माण कार्य बंद पड़े हैं।

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जिससे मजदूर महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर है। वहीं गांव में डीएससी चालू नहीं होने के चलते गरीब मजदूर के परिवार में मृत्यु होने पर उन्हें अंत्येष्टि राशि का भी महीनों से लाभ नहीं मिल पा रहा है।

यह गंभीर मसला जनपद पंचायत शाहपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बानाबेहड़ा का है। इस गांव से प्रतिदिन दर्जनों मजदूर अपने घरों में ताला लगाकर रोजी रोटी के लिए महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने की मांग को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने उपसरपंच एवं पंच गणों के साथ जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्या बताई।

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 5 माह से नहीं हुए कोई भी विकास कार्य

जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे उपसरपंच ममता, पंचगण सुखवंती, अमरवती, रजनी, शिवनाथ, बाबू डालूराम मालवीय सहित ग्रामीण सुनीता, मनोज, कमल प्रताप ने बताया कि जनपद पंचायत शाहपुर की ग्राम पंचायत बानाबेहड़ा की सरपंच द्वारा डीएससी चालू नहीं कराने से विगत 5 माह से ग्राम पंचायत बानाबेहडा में कोई भी विकास कार्य चालू नहीं है जिससे मजदूर रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं।डीएससी चालू नहीं होने से मृतक के परिवारों को अंत्येष्टि सहायता राशि का भुगतान भी नहीं हो रहा है। मृतक के परिवारों को दर-दर भटकना पड़ रहा है।

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 सरपंच के खिलाफ लगाए आरोप 

ग्रामीणों ने सरपंच एवं सरपंच पुत्री के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीणों के प्रति द्वेष भावना के चलते सरपंच एवं सरपंच पुत्री द्वारा सहायता राशि नहीं दिलवाई जा रही है। आवेदक प्रताप ने बताया कि उनकी माता कोयली बाई की मृत्यु विगत 7 अक्टूबर को हो गई थी।

2 माह बाद भी मृतक के परिवार को अंत्येष्टि की सहायता राशि नहीं मिलने से परिवार भटक रहा है। परिवार को गंभीर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार अनीता रघुनंदन, सुभंगा संतु, हरबन रामदास, कोयली बाई, झमलो, मनोतीबाई की अंत्येष्टि राशि महीनों से नहीं मिल पाई है।

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