संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु कुनखेड़ी में सूचना शिक्षा संचार गतिविधियां आयोजित

बैतूल-कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस द्वारा दिये गये निर्देशानुसार 22 नवम्बर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीमपुर के ग्राम कुनखेड़ी में स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय एवं विकासखंड स्तरीय दल द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु सूचना शिक्षा संचार गतिविधियां आयोजित की गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए.के. तिवारी ने बताया कि ग्राम कुनखेड़ी के पंचायत भवन में ग्राम की गर्भवती, धात्री एवं बुजुर्ग महिलाओं को एकत्रित कर संस्थागत प्रसव के फायदों से अवगत कराया गया। महिलाओं को स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव कराने के उपरांत मिलने वाली शासकीय सुविधाओं, प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा प्रसव, बच्चे का टीकाकरण, जननी शिशु सुरक्षा योजना का लाभ एवं संक्रमण मुक्त प्रसव के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

महिलाओं को घर पर होने वाले प्रसव के दौरान आकस्मिक खतरों, मां एवं बच्चे के संक्रमण सहित अन्य नुकसानों की जानकारी दी गई। 108 एम्बुलेंस की उपलब्धता एवं पहुंच के संबंध में जानकारी दी गई। संस्थागत प्रसव के दौरान गर्भवती मां एवं शिशु को किसी भी प्रकार के जोखिम की स्थिति में होने वाले सीजेरियन ऑपरेशन की प्रक्रिया सहित रैफरल सुविधाओं के संबंध में जानकारी दी गई। पौष्टिक मटकी के माध्यम से गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ शिशु एवं स्वस्थ मां की अवधारणा को स्पष्ट करते हुये ग्रामीण परिवेश में उपलब्ध मोटे अनाज, दालें, दूध, स्थानीय फल एवं सब्जियों का प्रदर्शन कर पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह दी गई। भोजन की रंगीन थाली जिसमें पीली दालें, हरी सब्जियां, लाल चटनिया एवं सफेद भूरे अनाज सम्मिलित रहे की जानकारी दी गई।

गर्भावस्था के दौरान खून की कमी से होने वाले एनीमिया के बारे में विस्तार से जानकारी देकर एनीमिया से बचाव के उपाय एवं आयरन की टेबलेट के सेवन का तरीका भी बताया गया। गर्भावस्था में मधुमेह रोग एवं उससे संबंधित जी.डी.एम. (जस्टेशनल डायबिटीज मेलाइटिस) संबंधी जांच के बारे में भी बताया गया।

गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के फायदे एवं घरेलू प्रसव के नुकसान के बारे में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा रोल प्ले (नाटक) कर समझाया गया कि गर्भधारण के पश्चात् शीघ्र पंजीयन कराया जाना चाहिये ताकि समय पर गर्भावस्था की आवश्यक जांचे की जा सके एवं आवश्यक दवाईयां तथा टीकों का लाभ मिल सके। मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड बनवाने, आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट, टी.डी. का टीका लगवाने, पेशाब, खून की जांच के फायदे बताये गये। खून की अत्यंत कमी होने पर आई.एफ.ए. टेबलेट सहित आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगवाकर खून की कमी से मुक्ति पाना प्रदर्शित किया गया।

गर्भवती महिलाओं की ग्राम में ही उपलब्ध स्थानीय अनाज, फल, सब्जियों एवं दालों से गोद भराई की गई। महिलाओं को स्वयं अथवा परिवेश की अन्य महिलाओं का संस्थागत प्रसव करवाने हेतु शपथ दिलाई गई। संस्थागत प्रसव संबंधी लघु फिल्मों का प्रदर्शन कर महिलाओं से वार्तालाप कर प्रश्न पूछे गये, उत्तरों की समीक्षा करते हुये जिज्ञासाओं का समाधान एवं भ्रांतियों का निवारण किया गया। स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं विकासखंड स्तरीय दल द्वारा प्रदाय की जा रही जानकारियों को गौंड़ी एवं कोरकू भाषा में परिवर्तित कर सहजता से समझाया गया। गर्भवती महिलाओं द्वारा अपना प्रसव स्वास्थ्य संस्था में करवाने संबंधी आश्वासन दिया गया।

इस कार्यक्रम में जिला स्तर से जिला मीडिया अधिकारी श्रीमती श्रुति गौर तोमर, बीईई, बीसीएम सहित विकासखंड भीमपुर के एमपीडब्ल्यू, सीएचओ, एएनएम, आशा पर्यवेक्षक एवं आशा कार्यकर्ता मौजूद रहे।