वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की सीधी भर्ती पर लगाया जाए प्रतिबंध,जिले के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों ने 10 सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन

बैतूल। जिले के ग्रामीण विस्तार अधिकारियों ने मंगलवार को अपनी 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव कृषि विभाग मप्र के नाम कलेक्टर को सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से संघ के जिला सचिव सुनील सलामे ने बताया कि मप्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ द्वारा लगातार सर्वेयर के समान वेतनमान, नियुक्ति दिनांक से समयमान वेतनमान का लाभ देने तथा यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी किए जाने सहित अन्य जायज मांगों को पूर्ण किए जाने की मांग शासन से की जा रही है, लेकिन शासन ने आज दिनांक तक संघ की मांगों को पूर्ण नहीं किया है। इससे नाराज जिले के ग्रामीण विस्तार अधिकारियों ने मप्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ भोपाल के आह्वान पर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द मांगों को पूर्ण किए जाने का आग्रह किया है।  संघ के जिला सचिव ने बताया इसके बाद भी यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संघ द्वारा आगामी 12 दिसंबर को  वल्लभ भवन के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष केआर कौशिक, डीके मिसर, गिरीश घोरसे, कुती आठनेरे, जितेन्द्र बिसन्द्रे, व्ही वर्मा, सुनील कलमे, अनिल डाबर, दीपिका पवार, सुभम चौहान, परसराम धुर्वे, सूरज मर्सकोले सहित जिले के सभी विकास खंडों के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी उपस्थित रहे।

आश्रित परिवारों को मिले अनुकंपा नियुक्ति का लाभ

ज्ञापन के माध्यम से बताया सेवा में आने के पश्चात अनुमति प्राप्त स्नातक हुए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को नियुक्ति दिनांक से समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए, विभाग के नवनियुक्त ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को प्रथम वर्ष 70, द्वितीय वर्ष 80 एवं तृतीय वर्ष 90 प्रतिशत वेतनमान को समाप्त कर पूर्व की भांति 100 प्रतिशत वेतन दिया जाकर परिविक्षा अवधि का समय 3 वर्ष से कम कर पूर्व की भांति 02 वर्ष किया जाये,  ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को स्थाई यात्रा भत्त 300 रूपये के स्थान पर 3000 रूपये प्रतिमाह किया जाए, कृषि मंत्री के द्वारा होशंगाबाद अधिवेशन में की गई घोषणा के अनुसार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के नाम के आगे ग्रामीण शब्द को विलोपित कर कृषि विस्तार अधिकारी के आदेश जारी किए जाए, सेवाकाल में 3 पदोन्नति के अवसर दिये जाये तथा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की सीधी भर्ती पर प्रतिबंध लगाकर शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाए, हितग्राही मूलक योजनाएँ ऑनलाईन होने से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की भूमिका हितग्राही चयन में समाप्त होती जा रही है, इससे वास्तविक हितग्राहियों को लाभ से वंचित होने की आशंका का विस्तार हो रहा है। इस स्थिति पर गंभीरता से विचार किए जाने की आवश्यकता है।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के विरुद्ध विभागीय जांच प्रक्रिया तत्काल पूर्ण की जाए और अकारण प्रताड़ित हो रहे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के लघु शास्ति दण्डों को तुरंत समाप्त किया जाए। कोरोनाकाल मे दिवंगत हुए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को कोरोना योद्धा घोषित कर समस्त देय लाभ दिलवाने की कार्यवाही शीघ्र से शीघ्र पूर्ण की जाये तथा शेष रहे अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण आश्रित परिवार को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिए जाने सहित अन्य मांगे शामिल है।

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