Betul Hindi Samachar: माध्यान्ह भोजन बना रही महिलाओं को कलेक्ट्रेट दर से मानदेय दिया जाए,

Betul Hindi Samachar: माध्यान्ह भोजन बना रही महिलाओं को कलेक्ट्रेट दर से मानदेय दिया जाए,

Betul Hindi Samachar:(बैतूल)। अटल सेना और एमडीएम रसोईया संघ द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री महोदय के नाम से जिला प्रशासन को 9 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने से पूर्व संघ की महिलाएं शहीद भवन से स्टेडियम के सामने से रैली की शक्ल में निकली और एक घंटे का का धरना दिया। इस संबंध में संघ के प्रांताध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौहान केन्डु बाबा ने बताया कि रसाईया विगत कई वर्षो से अपनी जायज मांगों को लेकर संघषरत हैं परन्तु महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकारे इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं। इस अवसर पर जयंती साने, राधा राय,  संजू बघेल, ममता, दुर्गा सोलंकी, उर्मिला वरकड़े, शेफाली मंडल, राजवती यादव, उर्मिला हनोते, रेखा नागले, शेफाली मंडल, सुनीता धुर्वे, गंगा नागले, निर्मला झाड़े, कमला वाघमारे, सूर्यवंशी, सरिता उइके, बसंती मालवीय, गीता आवरे, निशा खातरकर, शाइस्ता खान सहित सैंकड़ों महिलाएं उपस्थित थी।

Betul Hindi Samachar: माध्यान्ह भोजन बना रही महिलाओं को कलेक्ट्रेट दर से मानदेय दिया जाए,

यह हैं मांगे

सघं की तरफ से 8 सूत्रीय मांगे रखी गई जिसमें 26 जनवरी और 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व पर स्कूली बच्चों के साथ समस्त स्टाफ एवं गांव के सैंकड़ों लोग खाना खातें है इसका अलग से फंड देने, कोई भी यात्रा या राजनैतिक रैली व आयोजन पर स्कूल समूह पर दबाव बनाकर खाना बनवाया जाता है उसका पैसा दिया जाए, समूह के पास जो खाद्यान्न बचता है वह समूह की बचत मानी जाए उसे लौटने के लिए जिला पंचायत दबाव बनाकर वसूली करता है,समूह के अध्यक्ष व सचिव को भी मानदेय दिया जाना चाहिए क्योंकि समूह की कोई बचत नहीं हो पा रही है।

समूचे जिले में आज भी रसोई कनेक्शन कई गांवों में पहुंचे है साथ में रोटी सेंकने वाली भट्टी भी दी जाए साथ ही हर एमडीएम समूह को प्रतिमाह एक गैस की टंकी फ्री दी जाए, ईपीएस शाला में मार्च 2022 से सितम्बर 2022 तक की राशि, ईपीएस शाला में मार्च 2022 से अक्टुबर 2022 से आज तक खाद्यान्न और ईपीएस शाला में दिसम्बर 2021 से जुलाई 2022 तक रसोईयों का मानदेय अप्राप्त है, आंगनवाड़ी में भोजन बना रही बहनों को प्रतिमाह मानेदय 3 हजार रूपए माध्यान्ह भोजन बना रही बहनों को कलेक्टे्रट दर से मानदेय दिया जाए, 25 बच्चों पर एक रसोईया होना चाहिए, प्राथमिक शाला प्रति बच्चा 15 रूपए से और माध्यमिक शाला प्रति बच्चा 20 रूपए से दिया जाए, समूह को मिलने वाला खाधन्न में बहुत अधिक कचरा रहता है, बोरे का वजन भी रहता है जिससे 3 किलेा अनाज घटता है इस पर भी ध्यान दिया जाए। ज्ञापन में कहा गया हैकि मंहगाई दिनो दिन बड़ती जा रही है समूह कर्ज में डूब रहें है। रूका हुआ

आंगनवाड़ी और एमडीएम का पैसा शीघ्र दिया जाए।