MP Weather Today: राज्य के 20 जिलों में भारी बारिश और ओले का अलर्ट, फसलें हो जाएगी तबाह!

राज्य के 20 जिलों में भारी बारिश और ओले का अलर्ट, फसलें हो जाएगी तबाह!

MP Weather Today: राज्य के 20 जिलों में भारी बारिश और ओले का अलर्ट, फसलें हो जाएगी तबाह!, मध्य प्रदेश में तीन मौसम प्रणालियों के वजह से लगातार बारिश हो रही है. 24 घंटे के दौरान प्रदेश के 21 शहरों में बारिश दर्ज की गई. कई शहरों में ओलावृष्टि की वजह से फसल चौपट हो गई है और किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा. IMD द्वारा मध्य प्रदेश के और 20 जिलों में बारिश की और ओले की संभावना जताई गई है.

MP Weather Today: 24 घंटे में हुई बारिश और ओलावृष्टि

बता दें कि बीते 24 घंटे में नौगांव में सबसे ज्यादा 34 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई तो ग्वालियर में 24.4, दतिया में 17.2, टीकमगढ़ में 11, गुना में 8.4, उमरिया में 7.6, सीधी में 5.8, पचमढ़ी में 4.6, सतना में 3.8, नरसिंहपुर एवं सिवनी में तीन मिलीमीटर वर्षा हुई. 12 जिले छतरपुर, टीकमगढ़, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, श्योपुरकलां, रायसेन, निवाड़ी एवं पन्ना में कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई.

MP Weather Today: राज्य के 20 जिलों में भारी बारिश और ओले का अलर्ट, फसलें हो जाएगी तबाह!

MP Weather Today : इन जिलों में हो सकती बारिश

मौसम विज्ञानियों ने संभावना जताई है कि वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण सोमवार को ग्वालियर व शहडोल संभाग के जिलों के अलावा आलीराजपुर, धार, मुरैना, श्योपुर कलां, रीवा, मैहर, डिंडौरी, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, दमोह, पांढुर्ना, मंडला, बालाघाट, पन्ना, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले में वर्षा हो सकती है. हालांकि धीरे-धीरे मौसम साफ होने के भी आसार हैं, जिसके चलते रात के तापमान में कुछ कमी दर्ज होने लगेगी.

MP Weather Today – तापमान में आएगी गिरावट

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि द्रोणिका की वजह से अरब सागर से लगातार नमी आने के कारण प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र के जिलों में वर्षा हो रही है. कहीं-कहीं तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ ओले भी गिर रहे हैं. इन मौसम प्रणालियों के सक्रिय बने रहने के कारण उत्तर प्रदेश से लगे मध्य प्रदेश के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो रही है. हालांकि मौसम प्रणालियों के कमजोर पड़ने के बाद सोमवार से धीरे-धीरे मौसम साफ होने लगेगा, साथ ही हवाओं का रुख बदलने के कारण रात के तापमान में गिरावट होने की संभावना है.