Betul Health Department: स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण दल द्वारा निजी चिकित्सालयों में आकस्मिक निरीक्षण

Betul Health Department: स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण दल द्वारा शुक्रवार 21 अप्रैल को शहरी क्षेत्र बैतूल के निजी चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में मिली खामियों के आधार पर चार निजी अस्पताल संचालकों को सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं।

सीएमएचओ से प्राप्त जानकारी के अनुसार निरीक्षण के दौरान सिम्स हॉस्पिटल में डॉ. राजकुमार धुर्वे, डॉ. मो. असीम अंसारी, डॉ. विश्वनाथ झरबड़े इन डॉक्टरों से संबंधित अनुबंध पत्र, डिग्री, डिप्लोमा, आदि दस्तावेज नहीं पाये गये। पीने के लिये स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था अस्पताल के भीतर नहीं पाई। शौचालय की शीट क्षतिग्रस्त पाई गई एवं स्वच्छता का अभाव पाया गया। कम्पलेंट बुक अनुपलब्ध पाई गई। स्टॉक रजिस्टर अनुपलब्ध पाया गया। अस्पताल की रेट लिस्ट कहीं भी डिसप्ले नहीं पाई गई । दस्तावेजों पर पंजीयन क्रमांक एवं लायसेंस नंबर अंकित नहीं पाया गया।

सिटी हॉस्पिटल में डॉ. राज पांडे शासकीय सेवा में जेल चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें प्रायवेट चिकित्सालय में सेवा देने की अनुमति नहीं है जबकि स्टॉफ डिटेल में डॉ. पांडे का उल्लेख किया गया है। पीने के लिये स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था अस्पताल के भीतर नहीं पाई गई। स्वच्छता का अभाव था। कम्पलेंट बुक अनुपलब्ध थी। दस्तावेजों पर पंजीयन क्रमांक एवं लायसेंस नंबर नहीं पाया गया।

लश्करे चिकित्सालय में जनरल वार्ड के मरीजों के लिये शौचालय की उचित व्यवस्था नहीं पायी गई। पीने के लिये स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था अस्पताल के भीतर नहीं पाई गई। स्वच्छता का अभाव था। 9 से अधिक पलंग पाये गये जो रजिस्ट्रेशन अनुसार अधिक पाये गये। अग्निशमन यंत्र नहीं पाया गया। दस्तावेजों पर पंजीयक क्रमांक एवं लायसेंस नंबर नहीं पाया गया।

गुरूकृपा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्टॉफ डिटेल अनुसार चिकित्सक व अन्य संवर्ग के कर्मचारी कार्यरत नहीं पाये गये, जो पाये गये उनके कार्यरत होने की सूचना इस कार्यालय को प्रेषित नहीं की गई । शौचालय में गंदगी पाई गई। चिकित्सालय द्वारा बिना अनुमति के जांच शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सक्षम अधिकारी से अनुमति नहीं ली जा रही है। बिना अनुमति के शिविर आयोजित करना नियम विरूद्ध है। कम्पलेंट बुक अनुपलब्ध पाई गई। अस्पताल की रेट लिस्ट कहीं भी डिसप्ले नहीं पायी गई। बायोमेडिकल वेस्ट नियमानुसार कलर कोडेड डस्टबिन में नहीं किया जा रहा है, इसे सादे ड्रम में रखा जा रहा है। एक्स रे रूम में कार्यरत रोहित टेकाम पिता राजेन्द्र टेकाम के पास एक्सरे टेक्नीशियन का कोई वैध डिग्री या डिप्लोमा नहीं है। वर्तमान में वह अध्ययनरत है ऐसी जानकारी उन्हीं के द्वारा दी गई। दस्तावेजों पर पंजीयन क्रमांक एवं लायसेंस नंबर नहीं पाया गया।

निरीक्षण दल में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अरविन्द भट्ट, डीएसओ डॉ. राजेश परिहार, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपेश पद्माकर, जिला मीडिया अधिकारी श्रीमती श्रुति गौर तोमर शामिल रहे। सीएमएचओ ने बताया कि संपूर्ण जिले में इस प्रकार की कार्यवाही सतत जारी रहेगी।