Betul ki taza khabar: भीमसेना और जयस ने खनिज विभाग के सामने दिया धरना

 Betul ki taza khabar: भीमसेना और जयस ने खनिज विभाग के सामने दिया धरना

 Betul ki taza khabar: (बैतूल)। जिला खनिज अधिकारी और पावर में कंपनी के खिलाफ रेत नीति के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गुरुवार को भीम सेना संगठन और जयस ने खनिज विभाग के सामने धरना प्रदर्शन कर खनिज अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की। कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में भीम सैनिकों ने बताया कि जिले में “पावर मेक” कम्पनी को रेत के टेण्डर हुए है जिसमें अवैध रेत खनन के साथ रेतनीति के खुले उल्लंघन से स्थानीय बेरोजगारों से रोजगार का अधिकार छिना जा रहा है जिसकी सूचना जिला खनिज अधिकारी भगवन्त नागवंशी को लगातार देने के बावजूद भी शासन के नीतियों का उल्लंघन करवाया जा रहा है।

भीम सैनिकों ने कहा कि भीम सेना और जयस संगठन के संयुक्त आव्हान पर जिले के युवा रेत नीति के उल्लंघन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करेंगे। भीम सैनिकों और जयस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर से ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि जिला खनिज अधिकारी एवं भ्रष्टाचार में संलिप्त समस्त अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। खनिज अधिकारी भगवन्त नागवंशी को निलंबित किया जाए ताकि बैतूल जिले की प्राकृतिक सम्पदाओं एवं राजस्व को बचाया जा सके।

यह है प्रमुख मांग

ओवरलोड वाहनो पर प्रतिबंध लगाया जाए ताकि जिले की सड़को को नुकसान न हो, रेतनीति का पालन “पॉवर मेक” कम्पनी से करवाते हुए जिले के युवाओं को रोजगार प्रदान करें। पर्यावरण संरक्षण हेतु नियत स्थान को छोड़कर अन्यत्र स्थान से रेत अवैध उत्खनन प्रतिबंधित हो। रेत ठेकेदारों की तानाशाही बंद हो और शाहपुर क्षेत्र के अरसद कुरैशी और रिंकू राठौर की गुण्डागर्दी बंद हो, साथ ही शाहपुर, रानीपुर और चोपना में कम्पनी द्वारा अवैध नाके लगायें है तत्काल हटवाये जाए। खनिज विभाग और ठेकेदारों की मिलिभगत से नदियों में जेसीबी पोकलैंड आदि से रेत निकली जा रही है जिससे स्थानीय लोगो को प्रभावित किया जा रहा है इसलिए आधुनिक मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित किया जाए।

पावर, मेक कम्पनी द्वारा बैतूल जिले के राजस्व का भारी नुकसान करते हुए होशंगाबाद, सिहोर और अन्य जगह 1200 से 1500 कीमत में रॉयल्टी बेची जा रही है। प्रतिबंधित किया जाए। एक सप्ताह में अनैतिक कार्यों पर प्रतिबंध न लगाने पर जयस और भीमसेना ने प्रशासन को चेताया हैं कि आज हमारा सांकेतिक धरना था बाद में हजारों की संख्या में रेत खदानों पर पहुचेंगे वहाँ की समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होंगी।