यूपी कैडर 1990 बैच आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश पुलिस का नया मुखिया बनाया गया है. प्रशांत कुमार पुलिस मुख्यालय पर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के पद पर तैनात थे. कार्यवाहक डीजीपी के पद पर तैनात विजय कुमार बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए. उनकी जगह प्रशांत को जिम्मेदारी दी गई है. प्रशांत कुमार 19 आईपीएस अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए, यूपी पुलिस के नए बॉस बनाए गए हैं.

यूपी पुलिस में सिंघम नाम से पहचान रखने वाले प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है. 300 एनकाउंटर करने वाले प्रशांत को 26 जनवरी को गैलंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया किया गया है. बिहार में जन्मे प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इनके कार्यकाल में कुख्यात अपराधियों और माफियाओं का खात्मा हुआ है.

ट्रबल शूटर भी कहा जाता है प्रशांत कुमार को

इनकी मूछों की चर्चा पूरे पुलिस महकमे में होती है. प्रशांत कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी थीं. रिटायरमेंट के बाद उन्हें यूपी रेरा का मेंबर बनाया गया है. प्रशांत कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी अधिकरियों में से एक माना जाता है. सरकार के हर ट्रबल को निपटाने वाले प्रशांत कुमार को सरकार का ट्रबल शूटर भी कहा जाता है.

सिवान के रहने वाले हैं IPS प्रशांत कुमार

आईपीएस प्रशांत कुमार बिहार के सिवान जिले के रहने वाले हैं. हुसैनगंज प्रखंड के छाता पंचायत स्थित हथौडी गांव में इनका घर है. हालांकि, गांव में अब परिवार के लोग रहते नहीं हैं. सिर्फ प्रशांत कुमार के रिश्तेदार ही गांव में रहते हैं. प्रशांत कुमार सापरिवार पर्व-त्योहारों में गांव आते-जाते हैं. इनकी प्रारंभिक शिक्षा सिवान से ही हुई है. हालांकि, उच्च शिक्षा अन्य राज्यों से प्राप्त की है. आईपीएस बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA की पढ़ाई की थी. 1990 में इनका चयन आईपीएस के पद पर हुआ और तमिलनाडु कैडर अलॉट हुआ था.

UP कैडर की IAS डिंपल वर्मा से की शादी

1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिंपल वर्मा से शादी के बाद यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गया. प्रशांत कुमार को खासतौर पर क्राइम में अंकुश लगाने के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि योगी सरकार में इन्हें बेहद महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिस पर प्रशांत कुमार कई मौकों पर खरे भी उतरे हैं. कहा जाता है कि प्रशांत कुमार ने अब तक 300 से अधिक एनकाउंटर को अंजाम दिया है, जबकि एक हजार से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर उनकी निगरानी में हुआ है.